
जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन चुकी है। इसी संदर्भ में आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह घाटी के दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने सेना के जवानों और अधिकारियों से मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए उन्हें बधाई दी और उनका हौसला बढ़ाया।
राजनाथ सिंह का जम्मू-कश्मीर दौरा, जवानों के जज़्बे को किया सलाम
राजनाथ सिंह का यह दौरा पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला दौरा है। श्रीनगर पहुंचने पर उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे। रक्षा मंत्री ने चिनार कॉर्प्स के मुख्यालय में भारतीय सेना के उच्चाधिकारियों से विस्तृत चर्चा की और जवानों की बहादुरी की सराहना की।
“दुश्मन को उसकी भाषा में जवाब मिला” – राजनाथ सिंह
बादामी बाग कैंट में जवानों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा,
“आज मैं एक मंत्री के रूप में नहीं, एक भारतीय नागरिक के रूप में आपका आभार व्यक्त करने आया हूं। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को गौरव से भर दिया है। यह सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति का प्रतीक है।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को इस कार्रवाई की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
सीमा पार तबाही की तस्वीरें दुश्मन के ज़ेहन में रहेंगी – रक्षा मंत्री
उन्होंने आगे कहा,
“आपने दुश्मन के बंकरों को जिस सूझबूझ और संयम के साथ तबाह किया है, वो अद्वितीय है। आपने जोश के साथ होश भी बनाए रखा और हर कदम पर राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की रणनीतिक और मानसिक मजबूती का जीवंत प्रमाण है।”
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सबसे बड़ी जवाबी कार्रवाई
7 मई को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पीओके और पाकिस्तान के भीतर मौजूद आतंकियों के नौ ठिकानों को ध्वस्त किया। इस ऑपरेशन में कई वांछित आतंकी मारे गए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई, जिसमें भारत के सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया था।
इसके बाद हालात इस कदर बिगड़े कि दोनों देशों के संबंधों में नई तल्खी आ गई। पाकिस्तान की ओर से भारत के कई शहरों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिशें की गईं, जिसका भारत ने सटीक और साहसी जवाब दिया।
भारत की वायुसेना ने दिखाई ताकत, 14 पाक ठिकाने ध्वस्त
जवाबी कार्रवाई में भारत की वायुसेना ने पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया। इससे घबराकर पाकिस्तान ने 10 मई को भारत के समक्ष सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जिसे दोनों देशों की सहमति से लागू कर दिया गया। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने फिर सीजफायर का उल्लंघन किया, जिसका जवाब भारतीय सेना ने पूरी ताकत से दिया।
निष्कर्ष: ऑपरेशन सिंदूर ने बदला खेल
ऑपरेशन सिंदूर न सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि यह भारत की नई सैन्य रणनीति और आतंकवाद पर ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति की स्पष्ट घोषणा थी। इस ऑपरेशन ने यह संदेश दिया कि अब भारत हर हमले का सटीक, सशक्त और रणनीतिक जवाब देगा।